UP Primary News Today: उत्तर प्रदेश के कई प्राथमिक स्कूलों के लिए आवश्यक अपडेट जारी किया गया है जारी किए गए इस अपडेट में उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों के विलय पर हाई कोर्ट सिंगल बेंच की मुहर लगाई जा चुकी है बता दें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में एक आदेश जारी हुआ था जिसमें सरकार का कहना था कि जितने भी प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की संख्या बहुत कम है या तो ना के समान है ऐसे सभी स्कूलों को आसपास के कंपोजिट स्कूलों में मिला दिया जाना चाहिए ताकि शिक्षकों की गुणवत्ता का सही इस्तेमाल किया जा सके और तमाम संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके और यह निर्णय बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए लिया गया था तो हाई कोर्ट के द्वारा इस केस का डिसीजन सुना दिया गया है तो चलिए जानते हैं क्या है पूरा माजरा और इस पर हाई कोर्ट ने क्या लिया फैसला।
यूपी सरकार के इस निर्णय का किया विरोध
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बच्चों की शिक्षा को गुणवत्ता ग्रस्त करने तथा उनके भविष्य के लाभ के लिए स्कूल मर्ज किए जाने का निर्णय लिया गया था परंतु सीतापुर के 51 बच्चों के माता-पिता और अभिभावकों ने सरकार के इस फैसले पर हाई कोर्ट में याचिका दी थी और कहां की उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला 6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष के बच्चों को मिलने वाले अनिवार्य शिक्षा तथा उनके मुफ्त अधिकारों का उल्लंघन है क्योंकि अगर सरकार के द्वारा यह फैसला लिया जाता है तो बच्चों को स्कूल में आने-जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे काफी छोटे हैं जिससे उनकी सुरक्षा भी बिगड़ेगी ।
विरोधियों के लिए सरकार का जवाब क्या?
बच्चों के माता-पिता के द्वारा लगाई गई याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि राज्य में बहुत से प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं जहां पर बच्चों की संख्या ना के बराबर है इन स्कूलों को नजदीकी स्कूल से जोड़ा जाना चाहिए ताकि शिक्षक को और संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके सरकार ने कहा इस फैसले का मकसद न कि छात्रों को परेशानी पहुंचना है बल्कि उनकी शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना है और यह उनके अधिकारों का उल्लंघन भी नहीं है फिर दोनों पक्षों की बात सुनकर हाईकोर्ट ने बयान दिया।
क्या रहा हाई कोर्ट का बयान?
बता दे सरकार तथा याचिकाकर्ताओं दोनों के पक्ष को सुनकर और समझ कर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के जज ने सोमवार को फैसला सुनाया जिसमें उन्होंने याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं को खारिज कर दिया और सरकार के खेत में फैसला सुनाते हुए कहा की सरकार द्वारा लिया गया निर्णय संविधान के कोई से नियम का उल्लंघन नहीं करता है जिससे सरकार को राहत की सांस मिली इस मामले पर सनी 5 जुलाई 2025 को हुई थी परंतु 5 जुलाई 2025 को कोर्ट के द्वारा इस फैसले को सुरक्षित रखा गया और 7 जुलाई 2025 को इस फैसले पर अंतिम सुनवाई हुई।
एक बार फिर मामला डबल बेंच में
सिंगल बेंच के फैसले के विरोध में अब याचिकाकर्ता खंडपीठ में अपील करेंगे अब इस मामले में खंडपीठ में सुनवाई होगी याचिकाकर्ताओं को फैसला पलटने की उम्मीद है।